प्रेस विज्ञप्ति
चित्तौड़गढ़ फिल्म सोसायटी का पहला आयोजन सताईस सितम्बर को
फ़ीचर फ़िल्म मालेगाँव का सुपरमेन की स्क्रीनिंग
चित्तौड़गढ़ 25 सितम्बर 2014
साल 2006 में हुए गोरखपुर फिल्म फेस्टिवल से ही प्रतिरोध का सिनेमा की शुरुआत हुई है। कई स्थानों पर इसके लगभग चालीस फेस्टिवल हो चुके हैं और कई फिल्म क्लब संचालित हैं जहां जनपक्षधर सिनेमा से जुडी फ़िल्में दिखाई जाती है। प्रतिरोध का सिनेमा सदैव जनता द्वारा ही पोषित और संचालित रहा है और इसके आयोजनों में प्रवेश नि:शुल्क ही रहता है।समानांतर सिनेमा के इस नए माध्यम के एक संस्करण के रूप में अब चित्तौड़गढ़ में भी यह अनौपचारिक समूह अपनी गतिविधियाँ शुरू कर रहा है। चित्तौड़गढ़ फ़िल्म सोसायटी के नाम से यह समूह अपनी पहली स्क्रीनिंग आगामी सताईस सितम्बर को करेगा जहां फिल्मकार फैज़ा अहमद खान द्वारा निर्देशित फीचर फ़िल्म 'मालेगाँव का सुपरमेन' को चुना गया है।यह फिल्म एक तरफ हमारे वर्तमान परिदृश्य में व्याप्त सिनेमा के लिए निर्धारित करोड़ों के बजट की अवधारणा को तोड़ती है वहीं दूसरी तरफ देहाती अंचल के एक कल्पनाशील युवा फिल्मकार के होसले को पुष्ट करती है। फिल्म यह भी स्थापना देती है कि बहुत कम संसाधनों के बीच भी सार्थक फिल्म निर्माण संभव है।
फिल्म का प्रदर्शन शनिवार दोपहर 12 बजे विजन स्कूल ऑफ़ मैनेजमेंट,चित्तौड़गढ़ में किया जाएगा। इस मौके पर स्क्रीनिंग के बाद समानांतर सिनेमा के जानकार और आकाशवाणी चित्तौड़ के कार्यक्रम अधिकारी लक्ष्मण व्यास फिल्म पर अपनी टिप्पणी देंगे और उपस्थित दर्शक फिल्म पर आपसी संवाद करेंगे। कॉलेज निदेशक डॉ. साधना मंडलोई के अनुसार प्रतिरोध की संस्कृति से प्रभावित सिनेमा की इस धारा से विद्यार्थियों का यह पहला ही परिचय होगा। स्क्रीनिंग की समस्त तैयारियां जारी है। इस प्रदर्शन में कोई भी सिनेमाप्रेमी भाग ले सकता है।
डॉ. साधना मंडलोई
निदेशक,विजन स्कूल ऑफ़ मेनेजमेंट,चित्तौड़गढ़
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